हमारे हंसाने से ज़्यादा किसी का रुलाना पसंद आया
हमें याद रखना पसंद आया, उन्हें भूल जाना पसंद आया
ज़िन्दगी भर की रूसवाई चीखती रही खामोशियों में
दुनिया को हर पल उनका मुस्कुराना पसंद आया
- मनीष
28/01/2015
दास्तान-ए-ज़िंदगी भी कैसी अजीब है, रिश्तों, रास्तों और मंजिलों का भंवर भर है... - मनीष यादव
हमारे हंसाने से ज़्यादा किसी का रुलाना पसंद आया
हमें याद रखना पसंद आया, उन्हें भूल जाना पसंद आया
ज़िन्दगी भर की रूसवाई चीखती रही खामोशियों में
दुनिया को हर पल उनका मुस्कुराना पसंद आया
- मनीष
28/01/2015
एक हारा हुआ आदमी
सिर्फ एक हारा हुआ आदमी होता है
उससे ये पूछना
कि वो किसी को
प्यार करता है या नहीं
बिना किसी गलती के उसे
एक ज़ोरदार थप्पड़ मारने जैसा है
एक हारा हुआ आदमी
हमेशा इस डर में जीता है
कि जीते हुए लोगों से भरी ये दुनिया
उसे बिना प्यार
मरने को विवश न कर दे
एक हारा हुआ आदमी
दुनिया की हर चीज़ को
बहुत...
बहुत प्यार करता है।
-मनीष
13/03/2015