किसी को दे दो दिल, किसी पे जां निसार करो
तुम्हारे बस में ही कहां है किसी को प्यार करो
मुकम्मल हो तो जाएं, यूं सोहबत में तुम्हारी
तुम्हें गंवारा ही कहां कि ये इंतज़ार करो
महकमों में बिक गई है सियासत वतन की
अपने ही लोगों पे भी ज़रा कम एतबार करो
है सबकी नज़र पर नज़र, और ज़ुबां पर ज़ुबां
यहां संभलकर चलो, ज्यों निगाह-ए-यार करो
किसी को दे दो दिल, किसी पे जां निसार करो
तुम्हारे बस में ही कहां है किसी को प्यार करो
03.07.2017
तुम्हारे बस में ही कहां है किसी को प्यार करो
मुकम्मल हो तो जाएं, यूं सोहबत में तुम्हारी
तुम्हें गंवारा ही कहां कि ये इंतज़ार करो
महकमों में बिक गई है सियासत वतन की
अपने ही लोगों पे भी ज़रा कम एतबार करो
है सबकी नज़र पर नज़र, और ज़ुबां पर ज़ुबां
यहां संभलकर चलो, ज्यों निगाह-ए-यार करो
किसी को दे दो दिल, किसी पे जां निसार करो
तुम्हारे बस में ही कहां है किसी को प्यार करो
03.07.2017