समंदर की गहराई
और काली रात के घुप्प अँधेरे में
मौत से भी बदतर
अटूट नींद में
सो गयी है क्रांति।
तुम्हारा देश
तुम्हारी दुनिया
तुम्हारी ज़िन्दगी
तुम्हारी मौत
तुम्हें मुबारक हों।
मैं लिंकन के भूत से लेकर
लूथर किंग, और मार्क्स के साथ
एक सम्मलेन पर निकल रहा हूँ।
जब तक क्रांति को जगाने का
मसौदा तैयार होगा
सब कुछ ख़त्म हो चुका होगा..
29.11.2013
और काली रात के घुप्प अँधेरे में
मौत से भी बदतर
अटूट नींद में
सो गयी है क्रांति।
तुम्हारा देश
तुम्हारी दुनिया
तुम्हारी ज़िन्दगी
तुम्हारी मौत
तुम्हें मुबारक हों।
मैं लिंकन के भूत से लेकर
लूथर किंग, और मार्क्स के साथ
एक सम्मलेन पर निकल रहा हूँ।
जब तक क्रांति को जगाने का
मसौदा तैयार होगा
सब कुछ ख़त्म हो चुका होगा..
29.11.2013