मैं सपने में हत्याएँ करता हूँ

मैं सपने में हत्याएँ करता हूँ
मैं जानता हूँ
हत्याएं करना अच्छी बात नहीं है
शायद इसलिए मैं देख नहीं पाता
कि मेरी हत्याओं का भुक्तभोगी कोन है
ठीक-ठीक कुछ भी, चिन्हित नहीं होता
मगर साथ ही
मैं यह भी जानता हूँ
कि मैं किसी व्यक्ति विशेष की
हत्या की नीयत नहीं रखता
मैं चाहता हूँ करना विद्रोह
और ख़त्म कर देना चाहता हूँ
दुनिया भर की
सारी विसंगतियां, सारी कुंठाएं
सारा लोभ, सारी नफ़रत
और वो सबकुछ, जो हमें
एक अदद इंसान बनने से

दूर रखती है।

05.05.2015