आपकी ही मिल्कियत है, आपकी आवाम है
हर तमाचे-जूते पे लिखा हमारा नाम है
आपकी सब हरकतों पे चुप्पी सधी है देखता हूँ
हमारी ख़ामोशी की भी चर्चा सर-ए-आम है
आप मालिक हैं, सरकार हैं, कोई हिम्मत करे तो कैसे
हमारा क्या है, गरीब हैं, मुफ़्त में बदनाम हैं
-मनीष
17/04/2015