bhanwar...
दास्तान-ए-ज़िंदगी भी कैसी अजीब है, रिश्तों, रास्तों और मंजिलों का भंवर भर है... - मनीष यादव
अब वो दिन तलाश...
ये न सोच किसी रोज़ तुझे भूल जाउंगा
अब वो दिन तलाश जिस दिन तुझे मैं याद न आऊं...
- मनीष कुमार यादव
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