bhanwar...
दास्तान-ए-ज़िंदगी भी कैसी अजीब है, रिश्तों, रास्तों और मंजिलों का भंवर भर है... - मनीष यादव
बाकी सबकुछ
दिल्लगी, रुसवाई, बेवफाई और बेहयाई
बाकी सबकुछ हुआ, इकरार-ए-मोहब्बत के सिवा...
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