बढ़ती ही चली जाती हैं ये सांसें नहीं थमतीं,
तुम्हारी याद जब आती है फिर आंखें नहीं थमतीं
यूं तो हर कोई सिमट जाता है चंद किस्सों के बाद,
तुम्हारी बात जब खुलती है फिर बातें नहीं थमतीं
हम भी हुए बावले बड़े, सौगात-ए-इश्क पर,
ये भूलकर कि आजकल, सौगातें नहीं थमतीं...