मोहब्बत बारिश है

मोहब्बत बारिश है
जिसे छूने की ख्वाहिश में फैली हथेलियाँ
वो पा लेती हैं
जिसे बारिश से भागता हुआ कोई भी इंसान
कभी नहीं पा सकता

चमकती आँखें देखती हैं
सामने वाले की आँखों में वो चमक
जिसे और कोई नहीं देख सकता

कौन कहता है हाथ खाली रह जाते हैं?

प्रेयसी की याद में भींगते हुए उस प्रेमी पर एक नज़र डालो
संभावनाओं के अनंत आकाश की ओर नज़रें टिकाये,
दोनों बाहें फैलाए-

बरसो मेघा, अविरल बरसो... 

                       - मनीष कुमार यादव