कई कोशिशें कीं, कोई अपना नहीं मिला
कभी इत्मिनान से सोचेंगे, मोहब्बत से क्या मिला
महफिल में जब हो ही गए अरमां पराए सारे
शिकवा किसी से क्या करें, किसी से क्या गिला
हर शख़्स अपनी दुनिया में है दुनिया से बेख़बर
जो मिल ही गया किसी मोड़ पर, तो क्या मिला...
08.12.2014
कभी इत्मिनान से सोचेंगे, मोहब्बत से क्या मिला
महफिल में जब हो ही गए अरमां पराए सारे
शिकवा किसी से क्या करें, किसी से क्या गिला
हर शख़्स अपनी दुनिया में है दुनिया से बेख़बर
जो मिल ही गया किसी मोड़ पर, तो क्या मिला...
08.12.2014