उनकी इनायत है जो यूं बे-सुकून जी रहे हैं
ज़िन्दगी में ज़िंदगी से महरूम जी रहे हैं
एक दिन की दिल्लगी रखने वाले ज़रा देख
तुम बिन भी हम यहाँ, बा-जुनून जी रहे हैं
24.10.2015
ज़िन्दगी में ज़िंदगी से महरूम जी रहे हैं
एक दिन की दिल्लगी रखने वाले ज़रा देख
तुम बिन भी हम यहाँ, बा-जुनून जी रहे हैं
24.10.2015